हौसलों की उड़ान

हौसलों की उड़ान भरती हुई विशु की कहानी

Originally published in hi
Reactions 0
471
Varsha Sharma
Varsha Sharma 15 Aug, 2020 | 1 min read
#equality#

होसलों की उड़ान

पैर ना है, तम मेरे साथ ना खेल पाओगे, भगवान ने तुझे ऎसा क्यूँ बनाया ,"रीता ने बोला....उदास हो गया विशु पर पास पड़ी चॉक से पैरो की ड्राइंग बनाई बोला ,"अर कोई बात नहीं तुम मेरे साथ कुछ चीज बना के देखो | मैं तुम्हें हरा दूंगा | जो चीज ना दे उसकी चिंता क्यूँ करूं ,, भगवान ने मुझे कितना अच्छा दिमाग दिया है हाथो में हुनर दिया है | फिर क्यूँ वो चीज देखूँ जो नहीं है ड्राइंग करनी शुरू कर दी |आज कमरा विशु की ड्राइंग से भरा पड़ा है | हर महीने उसकी पेंटिंग की प्रदर्शनी लगती है |जिस उम्र में बालक नाज नखरे दिखा वे हैं उस उम्र में विशु अपने हुनर को बढ़ाने में लगा है | या सब उसके होसलों की उड़ान है कि आज उसकी पेंटिंग को फ़र्स्ट इनाम मिला |

वर्षा शर्मा

0 likes

Published By

Varsha Sharma

varshau8hkd

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.