बरगद और बुजुर्ग रहने दो आंगन में

बुजुर्ग लोग और बरगद आंगन में बने रहते हैं तो हमें बहुत कुछ मिलता है

Originally published in hi
Reactions 0
331
Varsha Sharma
Varsha Sharma 24 Feb, 2021 | 0 mins read
#1000poems

बरगद और बुजुर्ग रहने दो

आंगन में

चलने दो यह अभियान

यूं ही बनी रहे इनकी शान


तपते रेगिस्तान में बरगद की छाँव है बुजुर्ग

सदा हम को देते ही रहते चाहे

जितनी वृद्ध हो जाए

नैया की है वह पतवार

जितने वृद्ध होंगे दोनों

पुनीत ज्ञान से जीवन संवार देंगे

जब आंधी और अंधेरों में

कोई किरण दिखाई ना देगी

यह बनेंगे सहारा तपते

रेगिस्तान में इन की छांव मिलेगी

बरगद और बुजुर्ग रहने दो आंगन में

0 likes

Published By

Varsha Sharma

varshau8hkd

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.