गोरेया

गोरया के गायब होने की बातें

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Varsha Sharma
Varsha Sharma 09 Sep, 2020 | 1 min read

गोरैया

 गौरैया उड़ गई छोड़ के अंगना रे

बिटिया ने पाला था पोसा था उसको रे


पानी भी पीती थी और दाना भी खाती थी

पानी में पंखों को फर फर फैलाती थी

अंगना में सारे फुदक ती वो जाती थी

गौरैया उड़ गई छोड़ के अंगना रे


बाबुल के कांधे पर आते ही चढ़ती थी

 मम्मी की रसोई में जाने को तरसते थे

भैया तो उसको देखते परेशान करता था

चुपके मेरे पीछे छुप जाती थी रे

 गौरैया उड़ गई छोड़ के अंगना रे


गेहूं की फसलों में खूब घूम आती थी

सरसों  आती घर में में तो खूब चहचाहती थी

बिना अलार्म क्लॉक के सबको जगाती थी

बारिश के आने का पहले से बताती थी

खेती में कितना काम वह आती थी

गौरैया उड़ गई छोड़ के अंगना रे

 

उसकी चहचाहट से जीवन गुलजार होता था

मुक्त गगन मैं उड़कर  शाम को वापस आ जाती थी

 आम की बौर पर खूब फड़फड़ा ती थी

 गौरैया उड़ गई छोड़ के अंगना रे


बेटी की शादी के लिए वह

 टावर लगवाया था|

खर्चा किया शादी में बिटिया को विदा किया

बिटिया जो विदा हुई इस अंगना से 

गोरैया ना वापस आई अंगना रे


गौरैया उड़ गई छोड़ के अंगना रे

 गौरैया उड़ गई छोड़ के अंगना रे




 वर्षा शर्मा

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Varsha Sharma

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