वादा दिवस निभाने की रीत आई है
कुछ कसमें खाने की रीत आई है
सबको तो खुश रख लिया,
अब खुद के दिल को खुश रखने की प्रीत निभाई है
जो मन में भाव है उन्हें कागज पर उतार लूं
कुछ ऐसी लेखनी से प्रीत आई है
जो दिखे दुःखी या गरीब उसकी मदद करूँ
खुद के दिल में उनके लिए प्रीत बसाई है
वर्षा शर्मा
दिल्ली
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
👏👏
Sonia ji aabhar
Please Login or Create a free account to comment.