इश्क
इश्क दिल की धड़कन की चुभन
इश्क जैसे राधा और मोहन
इश्क जैसे सागर में लहरे
इश्क जिस पर ना हो कोई पहरे
इश्क जैसे चंदन की खुशबू
इश्क जैसे मेहंदी में लाली
इश्क जैसे शायर की गजल
इश्क जब झील में खिलता कमल
इश्क जिसने किया बस वही जाना है
इश्क का बस छोटा सा फसाना है
इश्क हुआ लेखक को कलम से
तो उसने रचा कोई फसाना है
जिसमे,प्रेम प्रीति की जब हो भावना
दिल का कोई राज, छुपा रह जाए ना
इश्क करो उसे महसूस कर पाओ
इश्क की रूह में उतर जाओ
इश्क ना पाना है ना खोना है
इश्क करे जो वह दीवाना है
इश्क है तो हक कैसा और नहीं है तो शक कैसा
इश्क बताया नहीं जाता
बस हो जाता है और
हो जाती है जब इश्क की वर्षा
उसका एहसास तभी समझ आता है|
इश्क वो अहसास है जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता
हाँ इश्क है
वर्षा शर्मा दिल्ली
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