गुरू शिष्य परंपरा

गुरू शिष्य की पुरानी परंपरा बहुत बढ़िया थी

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Vandana Bhatnagar
Vandana Bhatnagar 04 Sep, 2021 | 1 min read

सदैव दिया इस देश में गुरुजनों को हमने मान

गुरु वशिष्ठ ,द्रोण, संदीपन सभी गुरु हैं महान

पाकर शिक्षा महानुभावों से, करे पास कठिन इम्तिहान

बिन शिक्षा दिए ही मांग लिया द्रोण ने जहां अंगूठा दान

दे अंगूठा एकलव्य ने, सिखा दिया रखना गुरू का मान

गुरु शिष्य की परंपरा जिस पर था हमें अभिमान

वो तोड़ रही है दम, खो रही अपनी पहचान

हो रहे स्थापित अब तो नए-नए कीर्तिमान

कर रहे साथ बैठकर गुरु शिष्य मद्यपान

हिंसक हो रहे शिष्य, ले रहे गुरु की भी जान

कर यौन शोषण शिष्याओं का, घटाया गुरुओं ने भी मान

देना होगा गुरु- शिष्य परंपरा को हमें फिर से वही मान

पड़ जाएगी गुरु -शिष्यों के संबंध में फिर से नयी जान

वक्त और अनुभव हैं सच्चे गुरु, इस बात से ना होगा कोई अंजान


मौलिक रचना

वन्दना भटनागर

मुज़फ्फरनगर

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