मेरे भोलेनाथ

भगवान भोलेनाथ बहुत भोले हैं

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Vandana Bhatnagar
Vandana Bhatnagar 22 Feb, 2021 | 1 min read
#1000कविता



मेरे भोलेनाथ बहुत भोले भाले हैं

वो देवों के देव और सृष्टि के रखवाले हैं

लगाकर भस्म, पहन हार नागों का घूमते मतवाले हैं

विशेष रुप से त्रिनेत्र, त्रिशूल एवं डमरु संभाले हैं

जटाओं में गंगा, गले में विष, सवारी वृष की करने वाले हैं

मेरे भोलेनाथ बहुत भोले भाले हैं

दिए महल रहने को हमको खुद पर्वत कैलाश पर रहने वाले हैं

 पत्नी पार्वती,पुत्र कार्तिकेय,गणेश जी उनके निराले हैं

बेलपत्र और गंगाजल से ही वो तो खुश होने वाले हैं

 भक्तों की पीड़ा हरने और‌ उनपर कृपा बरसाने वाले हैं

मेरे भोले नाथ बहुत भोले भाले हैं


मौलिक एवं स्वरचित रचना

वन्दना भटनागर

मुजफ्फरनगर

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Vandana Bhatnagar

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