आरक्षण

आरक्षण की नहीं अब आत्मनिर्भर भारत की आवाज़ उठानी है

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Vandana Bhatnagar
Vandana Bhatnagar 22 Feb, 2021 | 1 min read
#1000कविता



हूं भारतवासी ,देश पर है मुझे बहुत नाज़

पर आरक्षण से देश मेरा हो गया है नासाज़

नासूर बन गया है ये, ना हो जाए लाइलाज

माध्यम नहीं ये विकास का पतन का है आगाज़

ज़रूरत नहीं अब बैसाखी की, बदलो ये रस्मों-रिवाज़

बढ़े आगे वही ,हो जो काबिल यही वक्त का मिज़ाज

ना हो जाए देश खोखला प्रतिभाओं से,सुनो उनकी आवाज़

ले रहे फायदा देश दूसरे फिर क्यों ना हो ऐतराज़

आरक्षण की नहीं, आत्मनिर्भर भारत की उठनी चाहिए अब आवाज़

होगा भला देश का तभी,आना चाहिए समझ में ये राज़

बनेगा जब विश्व गुरु भारत तो होगा सब भारतीयों को नाज़


मौलिक रचना

वन्दना भटनागर

मुज़फ्फरनगर

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Vandana Bhatnagar

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