सच्चा दोस्त

सच्चा दोस्त नसीब से मिलता है

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Vandana Bhatnagar
Vandana Bhatnagar 21 Feb, 2021 | 1 min read
#1000कविता




सच्चा दोस्त करता है निराशा में भी आशा का संचार

हर सुख दु:ख में साथ देने को रहता है सदा तैयार

छोड़ता नहीं वो कभी दोस्त को बीच मंझधार

जान की बाज़ी तक लगाने को रहता है सदा तैयार

रुठने पर उसके करता है मनुहार

गर हो जाये कोई चूक तो झट से करता है उसे स्वीकार

मज़ाक में करता है दोस्त की खूब टांग खिंचाई

पर दूसरे से सुनता नहीं एक शब्द भी उसकी बुराई

गर गलत राह अपनाते हुए पड़ता है दोस्त दिखाई

करता है तबियत से उसकी कान खिंचाई 

संग दोस्त के निकल जाता है सब दिल का गुबार

होता नहीं वो जल्दी से फिर तनाव का शिकार

है खुशकिस्मत वो ,पास जिसके है एक भी सच्चा यार

कर ही लेगा आसानी से फिर ये भवसागर पार


मौलिक रचना

वन्दना भटनागर

मुज़फ्फरनगर

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Vandana Bhatnagar

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