रंगा था तो तुमने तन मेरा रंग गया जो वो था मन मेरा

गुलाबी था रंग तेरे हाथों में

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Tulika Das
Tulika Das 27 Mar, 2021 | 1 min read

खेली थी होली जब आखिरी बार

लगाया था रंग तुमने पहली बार।

रंगा था तो तुमने तन मेरा

रंग गया जो , वो था मन मेरा ।


गुलाबी था रंग तेरे हाथों में

दस्तक दे रहा था वह रंग मेरे जज्बातों में 

दमक उठा था गाल मेरा

जाग रहा था सोया मन मेरा ।

तब जाना कहा था

कि मन क्यों हुआ बेचैन मेरा?

स्पर्श तुम्हारा ले गया चैन मेरा ।


चैन मेरा फिर लौट के ना आया

लौट के तो तुम भी ना आए कभी

रह गया इंतजार का रंग सूखा

पर प्यार का रंग पड़ा ना फीका ।


तुलिका ‌‌‌‌‌दास

#My world , my colour , my imagination

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Tulika Das

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