एक-दूसरे में हम शामिल भी तो है ।

यादों में तुम्हारा आना-जाना जारी भी तो है छूकर गुजरती है जो हवाएं हमें , सांसे उनमें हमारी शामिल भी तो है ।

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Tulika Das
Tulika Das 09 Sep, 2020 | 1 min read
#the poetry blast

धड़कते हैं जो एहसास दिल में मेरे ,

धड़कनों में तुम्हारी भी , वो शामिल तो है।

नींदों का आना जाना नहीं,

राते जागती है ,

यादों में तुम्हारा आना-जाना जारी भी तो है ।

कई राहे मिलती है अब भी कहीं ,

गुजर जाती है ,

वह थोड़ा अजनबी बनकर ।

छुप-छुप के देखती है नजरें ,

थोड़ी पहचान नजरों में ,

अब भी शामिल तो है ।

कभी जो तुम तन्हा होते हो ,

क्या मैं साथ होती नहीं ?

कभी जो मैं अकेली हुई ,

क्या तुम्हें संग बैठे पाया नहीं ?

कई शामें बीती है तुम्हारी बाहों में ,

कुछ लम्हों में नज़दीकियों की तपिश भी तो है ।

छू कर गुजरती है जो हवाएं हमें ,

सांसे उनमें हमारी शामिल भी तो है।

पास नहीं हम साथ हैं,

इस साथ में भी दर्द का एहसास है।

आते हैं जितने करीब हम ,

दूरियां भी करीब आ जाती हैं।

कहां जाएं हम ?

कहां ढूंढू मैं तुम्हें ?

कहां पाओगे तुम मुझे?

एक दूजे में हम शामिल भी तो है ।

रचना - तुलिका दास ।

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Tulika Das

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