परेशानियों में सब्र आज़माता हूँ।
सब तकलीफ़ के शोर के इंतज़ार में रहते है।
में ख़ामोशी इख़्तियार कर जाता हूँ।
तलाश पुरी नहीं होने देता उनकी।
ना ही घबराता हूँ।
मुस्कुरा के सबसे मिलता हूँ।
नज़रे भी मिलता हूँ।
सिर्फ़ मिज़ाज़न ख़ामोशी इख़्तियार कर जाता हूँ।
Inspiration poetry
परेशानियों में सब्र आज़माता हूँ।
सब तकलीफ़ के शोर के इंतज़ार में रहते है।
में ख़ामोशी इख़्तियार कर जाता हूँ।
तलाश पुरी नहीं होने देता उनकी।
ना ही घबराता हूँ।
मुस्कुरा के सबसे मिलता हूँ।
नज़रे भी मिलता हूँ।
सिर्फ़ मिज़ाज़न ख़ामोशी इख़्तियार कर जाता हूँ।
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