हुक़्म
उनसे मुख़ातिब होते वक़्त क़लम भी साथ रखता हूँ। नाफ़रमानी ना हो जाये उनके हर हुक्म को दरयाफ़्त रखता हूँ। उन्हें लगता है भूल जाता हू में । कोई बताओ उन्हें, उनको ज़ेहन में हर लम्हा साथ साथ रखता हूँ।

Paperwiff

by talib

15 Dec, 2020

शाम , असर, याद।

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