ये बेटियाँ

एक सवाल कितना सार्थक है ये "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" अभियान?

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Surabhi sharma
Surabhi sharma 01 Aug, 2020 | 1 min read


राह चलते आज

यूँ ही नजरें उठी

और अटक गयी

एक पोस्टर पर

"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ"


इस बार मन में कुछ प्रश्न

उछले या मचले नहीं

सीधे तीर सा 

छलनी कर गए

ज़वाब की आस में |


कन्यादान की रीत में

जाने कब सामान

बन गयी ये बेटियाँ

खत्म न हो ही जाए

कहीं इनका अस्तित्व

देखो कितनी दुर्लभ प्रजाति हो गयी 

इंसान की ये बेटियाँ |


अगर ज्यादा न बची तो 

स्वार्थ पूरा करने के लिए

बेटों की तरह क़ीमती 

हो जायेंगी बेटियाँ

और अगर पर्याप्त मात्रा में रही

तो फिर दहेज के दावानल में

जलेंगी ये बेटियाँ |


ये बेटियाँ, ये बेटियाँ, ये बेटियाँ!!! 


हैलो दोस्तों अगर आपको मेरी कविताएं और कहानियाँ पसन्द आ रही हों तो अगर आप चाहें तो मेरे सारे आर्टिकल पढ़ने के लिए मुझे फॉलो कर सकते हैं |


धन्यवाद 


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सुरभि शर्मा 



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