कालक्रम

देखने में प्राय सुखद लगने वाला और दुखद लगने वाला ,दोनो एक दिन एक जैसे लगने लग जाते हैं , काल और नियति मानव जीवन में बडी भूमिका निभाते हैं ,पढिए छोटी कहानी में ...!

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 08 Jul, 2021 | 1 min read
Life Time

उस भवन की भव्यता देखते ही बनती थी, चारो तरफ बगीचा था जिसमें रंग बिरंगे फूल खिलते थे, पीछे की तरफ फलदार वृक्ष लगे थे, कितने ही सालों से माली दम्पति इसकी देखभाल करते रहे थे , जो अभी भी करते हैं और वहीं घर के पिछवाड़े बनी कोठडी में रहते, इनकी कोई संतान नहीं है, 

लेकिन कोई दिन ये घर बच्चो की चहल पहल से आबाद था, रूकमणी देवी जो इस भवन की मालकिन हैं उनके चार लड़के थे, शादी ब्याह हुआ तो पोता पोती भी हुए, लेकिन..! 

लेकिन ..चारो एक साथ ना निभा सके, अलग अलग शहरों में,अलग अलग रोजगार ढूंढकर बस गये , मालिक तो पहले ही चल बसे थे , अब इस भवन में रूकमणी देवी अकेली रहती हैं और ये घर सांय सांय बोलता है,

माली दम्पत्ति को अपने अकेलेपन से ज्यादा मालकिन का अकेलापन सालता है ,जीवन गाथा एकदम अलग होते हुए भी , नियतिवश आज दोनो एक ही नाव के सवार हैं ।

© sonnu lamba

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  • Deepali sanotia · 2 years ago last edited 2 years ago

    बहुत सुन्दर

  • Sonnu Lamba · 2 years ago last edited 2 years ago

    थैंक्यू दीपाली

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