शुकराना...

शुक्रिया दिल से करके तो देखिए... आप खुद को बेहतर होते हुए देखेंगे..

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 23 Jul, 2025 | 1 min read
Life Blessings Gratitude

🪷 शुक्र केवल "धन्यवाद" नहीं होता। 


यह एक ह्रादिक अभिव्यक्ति है, 

जब दिल हर हाल में, हर पल में ईश्वर की कृपा को पहचान लेता है।


कभी कोई ख़ुशी आए.. 

तो मन मुस्कराकर कहे, 

"यह भी तेरा ही आशीर्वाद है"

इसमें मेरा क्या है भला..


और जब कोई कठिनाई आए..

तो मन शांत रहे और कहे, 

"शायद ये परीक्षा भी मेरी भलाई के लिए आई हैं।"


शुकराना एक दृष्टि है — जो चीज़ों को केवल जैसा वे दिखती हैं, वैसा नहीं देखती, बल्कि

उनके भीतर की सीख को देखती हैं।


यह जान लेना कि 

हर देरी में, हर रुकावट में, हर आशीर्वाद में — 

एक ही हस्ताक्षर है: और वो है ईश्वर का।


शुक्रिया तब होता है जब दिल कहना सीख जाए... 

" हे ईश्वर, तू जो भी दे रहा है, जैसे भी दे रहा है, सब कुछ तेरा ही है, और मुझे स्वीकार है।"


क्योंकि जिस भाव के साथ हम कृतज्ञ होते हैं, वही हमारे जीवन में गहराता है। और जिसे हम प्रेम से याद करते हैं, वो आहिस्ता-आहिस्ता, रोशनी बनकर जीवन में फैल जाता है।

~सोनू लांबा

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