किताब और होंसला

एक ऐसी लडकी की कहानी, कविता के रूप में जो किताब और पढाई से दूर थी और एक दिन अचानक उसने कुछ किताबो को देखा और समझा तो उसने कैसा महसूस किया... पढिए..!

Originally published in hi
Reactions 1
459
Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 06 Nov, 2020 | 1 min read
Self-confidence Education for girls Education

किताबो के पन्नो में

जाने क्या देखा उसने..

पंख लग गये ..

उसकी कल्पनाओं को..

वो कभी कल्पना चावला बन ..

अंतरिक्ष की सैर कर आती..

कभी बछेन्द्री बन..

माउंट ऐवरेस्ट पर तिंरगा लहराती..

कभी हिमा दास बन..

ओलम्पिक में सोना पाती..

कभी प्रतिभा पाटिल बन..

राष्ट्रपति बन इतराती...।।


अरे ! ...इतना सब ...

इन किताबो में..

कौतूहल से आंखे चौडी हो गयी

और होठ भींच लिये उसने..

जमीन तो कब से उसके पास थी..

आज आसमान का पता पा गयी..

कुछ कर गुजरने की ..

इच्छा मन में हिलोरे खा गयी..

किताबो के पन्नो में..

आसमान देख लिया उसने..

पंख अपने खोज लियें..

हौंसला.... नाम दिया उन्हे.।।

sonnu Lamba


1 likes

Published By

Sonnu Lamba

sonnulamba

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.