अजनबी शहर

छोटी सी प्यारी सी कहानी

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 03 Jul, 2021 | 1 min read
Life Shortstory

मेरे लिए ये जगह एकदम नयी थी , मैं होस्टल रूम से बाहर आकर लोन में बैठ गयी, कभी नहीं सोचा था इस तरह अकेलापन महसूस होगा , खैर जिद तो मेरी ही थी, यहां इतनी दूर आकर पढने की, पापा मम्मी ने तो खूब मना किया, कहीं भी पास में एडमिशन करा देते हैं, घर पर रहना सेफ है, लेकिन मैं ही.... "

खैर..!

कहीं आस पास से मंदिर की घंटी की आवाजें आ रही थी, मैं उसी दिशा में चल पड़ी, थोडी दूर पर ही मंदिर था, मंदिर की भव्यता देखते ही बनती थी, मैं सम्मोहित सी मंदिर के मुख्य द्वार से प्रवेश कर गयी, भीड़ ज्यादा नहीं थी, मैने हाथ पैर धोये और भीतर प्रवेश किया, हाथ बढ़ा कर घंटी बजायी और जैसे ही सामने देखा, एकदम सामने मां की भव्य मूर्ति थी, उनकी आंखों में इतनी ममता थी लगा जैसे कह रही हों, अकेली नहीं हो तुम, मैं हूं ना.. " मेरे दिल को ऐसा सूकून मिला, लगा जैसे इस अजनबी शहर में कोई अपना मिल गया हो।

©®sonnu Lamba


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Sonnu Lamba

sonnulamba

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Deepali sanotia · 2 years ago last edited 2 years ago

    Nice

  • Ruchika Rai · 2 years ago last edited 2 years ago

    Awesome

  • Sonnu Lamba · 2 years ago last edited 2 years ago

    Thank you deepali and ruchika

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