जीवनसाथी

इस कविता के साथ कल पेपरविफ टीवी के पहले लाइव शो, में, मैने शुरूआत की, आप भी पढिए...! और सुनिए पेपरविफ टी वी के इन्सटाग्राम पेज पर..!!

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 14 Feb, 2021 | 0 mins read
February poems #1000poems

मैं चाहती थी तुम प्रेम पत्र लिखो मुझे,

लेकिन तुम नही लिख पाये एक भी शब्द,

तुम शब्दों में पिरो ही नही पाए अपने जज्बात,

तभी तुमने अपने हाथ में मेरा हाथ लिया,

बिना कुछ कहे ही कहा, ऐसे ही रहना साथ,

और दूसरा हाथ धीरे से फिर उस हाथ पर रख दिया,

तब तुम्हारी आंखो में पढा मैने वो सब..

जो मैं चाहती थी काश तुम लिखते मेरे लिए....।।


पिछली बार जब मैं हुयी थी....बहुत बीमार

मैं सोच रही थी कि बोलोगे तुम..कुछ नही होगा तुम्हें,

तुम बहुत अधीर हो जाओगे,बैचेन से टहलोगे इधर उधर,

लेकिन तुम ठीक उसी वक्त जड हो गये थे..

तब तुमने मेरे माथे पर रखा था अपना बर्फ सा हाथ,

जो कह रहा था ..गर्माहट देह में तुम्हारें ही होने से हैं..।।


मैं चाहती थी तुम बोलो तो कभी ,

बहुत प्यार है तुमसें..

लेकिन तुम नही कह पाये एक भी बार..

कहते रहे ..जाने ओर क्या क्या..

कभी कहते, चाय पिओगी..

तनिक बैठ भी जाओ मेरे पास ,किस काम में लगी हो..

ये रंग बहुत फबता है तुम पर...बोलो चुप क्यूं हो गयी ,

तुम्हारी सारी बाते चुगली करती रही तुम्हारी,

कि तुम कहना चाहते हो बहुत प्यार है तुमसे....।।


सोनू☺


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Sonnu Lamba

sonnulamba

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    उम्दा रचना

  • Sonnu Lamba · 3 years ago last edited 3 years ago

    Bhut bhut dhanyvaad

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