शुभ आरंभ

सुंदर कांड से एक सुंदर प्रसंग...

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 21 Jul, 2020 | 1 min read
Sprituality Lordhanuman Sundarkand

प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयँ राखि कोसलपुर राजा॥ 

गरल सुधा रिपु करहिं मिताई। गोपद सिंधु अनल सितलाई॥1॥


 भावार्थ:-अयोध्यापुरी के राजा श्री रघुनाथजी को हृदय में रखे हुए नगर में प्रवेश करके सब काम कीजिए।जो उनका नाम स्मरण करता है... उसके लिए विष अमृत हो जाता है, शत्रु मित्रता करने लगते हैं, समुद्र गाय के खुर के बराबर हो जाता है, अग्नि में शीतलता आ जाती है॥1


सभी जानते हैं ये चौपाई तुलसीदास कृत रामचरितमानस के सुन्दर कांड से ली गयी है...इसमें बाबा ने राम जी के नाम की महिमा को कितना विशाल बताया है ...जो सारे रोग शोक दूर करने में सहायक है...कोई भी नया काम शुरू करने जा रहे हों...यात्रा पर जा रहे हों...ह्रदय बात ..बिना बात संशकित हो तो इस चौपाई को पढकर..ह्रदय में धारण कर...काम शुरू किया जाये...कार्य पूर्ण होने की आशा बलवती होगी...आत्मविश्वास प्राप्त होगा....।

मेरे प्रभु राम ...जय जय राम...करो कल्याण ...जय जय राम?

#सुन्दरकांड1

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