सीढी़

लघुकथा

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 09 Sep, 2021 | 1 min read
philosphy Shortstory

माँ...कितना मुश्किल है सीढ़ियों से जाना..इस लिफ्ट को भी आज ही खराब होना था..""

बेटा.."सीढ़ियों से जाना भी अच्छा होता है.."

जमीन से जुडे रहते हैं..."

वो कैसे मां...""जब हम सबसे ऊपर वाली सीढी़ पर पहुंच कर नीचे देखते हैं तो उन्ही सीढ़ियों का निचला पायदान हमेशा जमीन से जुडा़ होता है ना..."

जो हमें बताता है कितना भी ऊपर जाओ ..लेकिन जमीन से जुडे़ रहो मजबूती से.." रोहन ने एक पल रूक कर मां को देखा और फिर सीढ़ियों को.. "और इतने घुमाव ....क्या बताते हैं ,माँ.."

यही कि जीवन भी ऐसा ही है....सीधा सपाट नही..""।।

©®sonnu lamba



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