Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 13 Jul, 2020
अहम
वो दरवाजे पर खडी थी और मैं खिडकी पर, मैं आगे बढकर उसे जाने से रोक सकता था, लेकिन मैं जाने क्यूँ खिडकी के पास चला आया था, उसे जाते हुए देखने को....! हम दोनों के अहम उस वक्त कदमों में नागपाश से लिपट गये..!

Paperwiff

by sonnulamba

13 Jul, 2020

कहानी

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.