प्रेम

प्रेम क्या है?

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Sonia saini
Sonia saini 05 May, 2020 | 0 mins read

प्रेम क्या है?

तृष्णा और तृप्ति के

बीच की अवस्था ही प्रेम है।

तृष्णा तो ठीक है

किन्तु प्रेम में तृप्ति?

क्या प्रेम से भी कोई

तृप्त हो सकता है?

पा लेने की व्याकुलता

ही तृष्णा है

और संपूर्ण रूप से

पा लेने के पश्चात्

उत्पन्न वितृष्णा

ही तृप्ति!

तो क्या प्रेम

सिर्फ दैहिक है?

आत्मिक प्रेम ही तो

वास्तविक है!!

दैहिक प्रेम लौकिक है

और आत्मिक प्रेम अलौकिक

बोलो मिला है कोई

इस लौक से परे का।

सोनिया निशांत कुशवाहा

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