ऐ चांद....

छूने को तत्पर रहती हूं ऐ चांद तुम्हें, तुम क्या जानो तुम पर कितना है गुमान मुझे।

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Sonia Madaan
Sonia Madaan 24 Mar, 2021 | 0 mins read
Mooninsky Hindipoetry #soniamadaan Moon Nightsky Beautyofmoon

छूने को तत्पर रहती हूं ऐ चांद तुम्हें,

तुम क्या जानो तुम पर कितना है गुमान मुझे।

आसमान की शोभा हो तुम, जान हो तुम,

ना जाने कितने दीवानों की मुस्कान हो तुम!

तुम्हें पल भर को देखने की ललक हर इंसान को है

तुम्हारी उपमा और ख्याति सुनकर हैरान सब हैं,

बचपन में मामा बनकर मीठे सपनों में हिस्सेदार बने

यौवन में इक प्रेयसी की भावनाओं के राज़दार हुए,

छू लूं पर भर को, तो शीतलता का घूंट मुझमें भर जाए

जो बंद कर लूं मुट्ठी में तो रुह मेरी रोशन हो जाए,

दूधिया सा उजाला बिखराया न केवल धरा पर तुमने

उम्मीद रूपी चांदनी छिटकाईं मेरे मन और जीवन में,

तुम समान, मुझे भी अपने हिस्से का आसमान मिले

हैं जब तक जहान, इस विशाल अंबर में चमकता चांद रहे।

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Sonia Madaan

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Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Vinita Tomar · 3 years ago last edited 3 years ago

    Nice

  • Sonia Madaan · 3 years ago last edited 3 years ago

    Thank you for reading and appreciating Vinita

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