दहलीज।

संस्कारों और रिवाजों की जकड़न में औरत को बांधकर इस समाज में ऐसा क्या पाया है ?

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Sonia Madaan
Sonia Madaan 22 Feb, 2021 | 1 min read
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दहलीज और मर्यादा पालन क्यों औरत के हिस्से आया है? 

संस्कारों और रिवाजों की जकड़न में औरत को बांधकर 

इस समाज में ऐसा क्या पाया है ?

बेटी, बहन और बहू रूप में सीमा में रहकर 

उसने हर रिश्ता निभाया है,

फिर भी इस समाज में उसने यथोचित सम्मान न पाया है!

क्यों पुरुषों को दहलीज में रहना नहीं सिखाया है?

घुटन और अन्याय की पराकाष्ठा होने पर

औरत अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाए तो

वचन और कर्तव्य की बेड़ियों में बांधा जाता है,

कुल की शान, परंपरा और संस्कारों का बिगुल

क्यों नहीं इस समाज ने पुरुषों के लिए बजाया है?

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