सांवले रंग में भी हूं खास।

मेरे मन की सच्चाई मुझे प्रेरित करती मेरा व्यक्तिव आईने सा है साफ, अंत में यही कहूं मैं सबसे मैं सांवले रंग में भी हूं खास।

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Sonia Madaan
Sonia Madaan 01 Nov, 2020 | 1 min read
Colour discrimination Hindipoetry #soniamadaan

क्या हुआ जो श्याम रंग है मेरा

मैं निज रंग से ही हर्षित हूं,

हृदय में मैल नहीं किसी के प्रति

इस बात पर ही मैं गर्वित हूं।


भेद नहीं करता मैं जात-पात का

धर्म के नाम पर कोई वैर नहीं,

मन में ईर्ष्या, लोभ, फरेब और

क्रोध रुपी कोई ज़हर नहीं।


कोई बोले प्रेम के दो शब्द मुझे

उसके लिए कुछ भी कर जाऊं मैं,

सम्मान और आदर के मोती संग रखूं

बिन मांगे सभी पर वार जाऊं मैं।


दिल में दया का सागर मेरे

अभिमान से कोसों दूर खड़ा,

अपना दुख मुझ संग बांट लो भले

कर लो इस सांवले पर विश्वास ज़रा।


सोच में मेरी खोट नहीं

मन में भाव कोई बुरा नहीं,

मेरा रंग ये मुझको भाए

क्यों रंग के कारण मुझसे फर्क किया?



जरुरी नहीं जो तन से गोरे

मन और दिल से होंगे साफ,

मित्रता की कसौटी पर खरा उतरे वो

जो मुश्किल समय में भी दे साथ।



खुद के लिए मन में संदेह न लाना

हर व्यक्ति में अपने होते गुण खास,

मन के विचार नेक रखना

अपने हुनर और काबिलीयत पर रखना विश्वास।



तन की सुंदरता केवल क्षण भर की होती

मन व आचरण से ही व्यक्ति की असल पहचान,

रुप-रंग तो इक दिन मिट जाने हैं

ज्ञान और विचारों से ही कहलायेगा धनवान।


मेरे मन की सच्चाई मुझे प्रेरित करती

मेरा व्यक्तिव आईने सा है साफ,

अंत में यही कहूं मैं सबसे

मैं सांवले रंग में भी हूं खास।









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