इश्क?बनारसी

बनारसी इश्क़,

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Vijay Laxmi Rai "सोनिया"
Vijay Laxmi Rai "सोनिया" 24 Apr, 2020 | 1 min read

सुनो, हमरी मलकाइन....!!

तुम जो वो ओढ़नी ओढ़ती हो ना,

सफ़ेद शिफॉन की ग़ुलाबी फूलों वाली,

सच कहता हूँ एकदम...?

काशी के घाटों को भी फेल कई देती हो,

औऱ ऊ जो भनटहवा कलर वाली,

बनारसी साड़ी है ना तुमहरी,

उसमें तो तुम बनारसी भाँग का नशा देई जाती हो।

का कहूँ रजा तुम गज़ब का लगती हो,

तुम आया ना करो बनारसी रंगत में

सामने सभन के,

ससुरा कोनो दिन लड़ाई होई जाएगी

तुमहरी चक्कर में,,,,,

तुम हमरी जान हो ,

रहना खाली हमरी धड़कन में..!!

-विजय लक्ष्मी राय 'सोनिया'

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