अब सावन कुछ खास है..

सावन के महीने ने भरा इंद्रधनुषी रंग ज़िंदगी में!

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Shubha Pathak
Shubha Pathak 21 Jul, 2020 | 0 mins read

लगती थी बारिश की जब भी झड़ी,

तबियत सभी की होती थी हरी,

पर ना जाने क्यूं ये झमाझम बूंदों की,

पहले मुझे ना लगती थी भली।

वो सड़कों के गड्ढे, वो चिपचिपा मौसम,

वो कीट पतंगे, वो कपड़ों की सीलन।

पर पड़ाव ऐसा भी आया ज़िंदगी में एक बार,

कि सावन का ये महीना हो गया खुशगवार,

"पाया मैंने मेरा इन्द्रधनुष जो सबब है अब ज़िंदगी का

उसके प्यार भरे स्पर्श ने दिया मुझे तोहफा ममता का

हां रोई थी आंँखें मेरी खुशी से बहुत उस रात,

जब लिया गोद में वो फूल सा बदन, क्या बताऊंँ क्या थे मेरे जज़्बात!"

यूं तो बरसे थे वो बादल पहले भी कभी,

पर उस सावन लगा जैसे पूरे हुए ख्वाब कई!

सतरंगी इस मौसम ने भरा रंग नया जीवन में,

उसकी प्यारी सी मुस्कान से अब रौनक है मेरे घर में,

उसकी शैतानियों में अब मैं भी मुस्कुराती हूं,

काग़ज़ की वो कश्ती अब संग उसके चलाती हूं।

लहराती है धरती जब धानी चुनर फिर से,

उसके साथ मैं भी बच्ची बन जाती हूं।

सच है ये कि मांँ बनना सबसे प्यारा एहसास है,

शायद इसलिए अब ये सावन मेरे लिए कुछ खास है!


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Shubha Pathak

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Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Sunita acharya · 3 years ago last edited 3 years ago

    वाह बेहद उम्दा

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    भावपूर्ण रचना

  • Shubha Pathak · 3 years ago last edited 3 years ago

    Thanks alot Sunita dear😘👍

  • Shubha Pathak · 3 years ago last edited 3 years ago

    Thank you very much Kumar bhai👍🙏

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