तुम बिन हमें चलना है

दृढ़ हो अपनी राह पर चल, अतीत से ना खुद को तू छल।।

Originally published in hi
Reactions 2
532
Shubhangani Sharma
Shubhangani Sharma 27 Oct, 2020 | 1 min read
Forget past... new life...

तुम कुछ, कहते कहते रुक गए थे, 

मुझे वही तुमसे सुनना है।।

जिस मोड़ पर बिछड़े थे हम कभी, 

उसी राह से वापस हमें चलना है।।

हाथ छोड़ा था हमनें, 

साथ भी अपना छूट गया

एक अनजान सफर की चाह में, 

चाहत का सपना टूट गया।।

अब तुम बिन रहने के लिए, हमें ढलना है,

जीवन की राह पर, तुम बिन हमें चलना है।।

बहुत इंतेज़ार किया तुम्हारा, 

हर बदलते मौसम के साथ...

ढूंढा किये हर ज़र्रे में, 

तुमसे जुड़ी हर एक बात...

अब पर जान गए हम,

खुद को हमें नहीं छलना है...

अब तुम बिन हमें चलना है।।

आड़ी टेड़ी पगडंडियों पर

अब भी तुम मृगतृष्णा बन, आ जाते हो..

किंचित अब भी तुम, हमको यूँ लुभाते हो...

पर दृढ़ हो तुमसे दूर हो हमको,

नए जीवन से जुड़ना है,

अब पुकारो तुम कितना भी..

तुम्हें नहीं अब फिर सुनना है...

अब तुम बिन ही हमें चलना है।।



2 likes

Published By

Shubhangani Sharma

shubhanganisharma

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Sonnu Lamba · 3 years ago last edited 3 years ago

    वाह

Please Login or Create a free account to comment.