रक्तबीज

अपने भीतर के रक्तबीज रूपी दम्भ का संहार हम स्वयं ही कर सकते हैं।

Originally published in hi
Reactions 1
629
Shubhangani Sharma
Shubhangani Sharma 25 Oct, 2020 | 0 mins read
Kill evil within you.

रक्तबीज सा दम्भ तुम्हारा,

जितनी पूर्ति हो उसकी,

समझो स्वयं को तुम सर्वहारा....

है रक्तबीज सा दम्भ तुम्हारा।।

उसे त्याग बिन ना हो उद्धारा,

करो दम्भ का संहारा...

ये रक्तबीज सा दम्भ तुम्हारा।।

एक ही जग का पालनहारा,

फिर क्यों और किस पर...

है रक्तबीज सा दंभ तुम्हारा।।

धन का वैभव, ज्ञान का मद,

इस दम्भ से ही सारा जग है हारा...

खोज लो स्वयं में ही काली,

बन जाओ स्वयं के तारनहारा...

दनुज है चित का,

रक्तबीज सा दम्भ तुम्हारा।।


1 likes

Published By

Shubhangani Sharma

shubhanganisharma

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.