इख़्तियार

बस यूँही...

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Shubhangani Sharma
Shubhangani Sharma 21 Jan, 2021 | 0 mins read
Emotions
इश्क तेरा मुझे ना रास आया, 
दूर होकर भी तुझसे...
कोई इस दिल के पास ना आया।।

तसव्वुर तेरा बंदगी बन गयी मेरी,
मुझे, जैसा आया तुझपर...
वैसा किसी पे प्यार ना आया।।

तेरी यादें बस यूँही... 
आती जाती रहती हैं,
तू तो आया बहुत ख़यालों में...
ख़यालो पर एतबार ना आया।।

खो गए हम, बस इश्क़ में तेरे...
यूँही भटकते रहे हम, 
तेरे जैसे की ख़्वाईश में...

प्यार तो पाया इस दिल ने बहुत.. 
पर तुझे ना चाहूँ, 
वो इख़्तेयार ना आया।।


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