राम है मेरा जीवन आधार

राम की पूजा नहीं करो, अपितु अपने जीवन का आधार बना लो।

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Shubhangani Sharma
Shubhangani Sharma 06 Aug, 2020 | 1 min read



राम, एक सोच एक विचार 

है हमारी संस्कृति का आधार।

चित्त में जो हो, 

तो मन निर्मल गंगा हो जाये।

स्वयं का ही नहीं,

 वह मन कर दे जग का उद्धार।।

राम है मेरा जीवन आधार...

राम, कर्मों में समा जाए

तब व्यक्ति का कछु ना जाये।

हो जाये उन्नत उसके जीवन का व्यापार,

बस नित कर तू कर्म,

छोड़ राम पर अपना सब भार,

राम है मेरा जीवन आधार।।

राम.. जो हो वचन में,

तो क्या है तोहे कचहरी की दरकार।

उसके हाथों में खुद को सौंप दे,

मेरा राम तो खुद है सरकार।।

राम है मेरा जीवन आधार...

राम नाम की ओढ़नी ओढ़ ले,

है नहीं छोर उसका अनंत अपार।

अपने मन – कर्म – वचन में राम बसा ले,

कर ले सद्भावना से भवसागर को पार।।

राम है मेरा जीवन आधार....

राम आत्मा, राम ही परमात्मा, 

राम नाम का ना कोई तोड़, ना कोई उपचार।

रोम रोम जो बस जाए ये अमृत,

राम से ही हो सम्पूर्ण, इस जीवन का सार।।

राम है मेरा जीवन आधार....

राम तो मेरे भोले हैं,

कर लें सहज झूठे बेर भी स्वीकार।

अर्पण कर के देख ले खुद को,

मेरा राम है तेरा भी,

रहेगा तेरे साथ बारम्बार-हरबार।।

राम है मेरा जीवन आधार,

मन में सजा मेरे हरपल राम दरबार।।



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Shubhangani Sharma

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