चेहरों का सामना...

ऐ ख़ुदा हर रुख़ को बेहिसाब नूर बख्शें, और उनके दिल में सुकून बदस्तूर बख्शें।।

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Shubhangani Sharma
Shubhangani Sharma 15 Apr, 2022 | 1 min read
Faces

मैं हर दिन कई चेहरों का सामना करती हूं,

हर चेहरे को देख एक लंबी आह भरती हूँ।।


कहता है कोई चेहरा.... 

बस दो प्यार के 

बोलों की दरकार है, 

कभी किसी को 

सहानुभूति का इंतज़ार है...

मुस्कुराते हुए मैं उनके दिल के

किनारे से गुज़रती हूँ...

और हर बार... 

एक आह भरती हूँ।।


कुछ चेहरों की उदासी 

तोड़ देती है मुझे,

वीरान सी आँखे 

झकझोर देती है मुझे.... 

उनके पतझड़ से एहसासों से

थोड़ा सा डरती हूँ,

हाथ जोड़ प्रार्थना कर 

एक आह भरती हूँ।।


मुस्कुराते चेहरे दिल पर 

गहरी छाप छोड़ जातें हैं, 

ज़िन्दगी में गुदगुदाने के 

बहाने छोड़ जातें हैं...

उन चेहरों से भी ऊर्जा 

अपने भीतर भरती हूँ...

और प्यार से फ़िर 

एक आह भरती हूँ।।


हर चेहरे की 

एक कहानी होती है, 

जिसे किसी ना किसी को 

उसे बतानी होती है...

इसलिए हर चेहरे से रूबरू हो

मैं बातें बेशुमार करती हू...

कुछ कहानी समेटे 

मैं फ़िर एक लंबी आह भरती हूँ।।

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