Shubhangani Sharma
Shubhangani Sharma 05 Sep, 2020
सीख
सिखाया तुमने हमें, मुश्किल राह पर चलना.. कांटे हो चाहे कितने अपनी चाह ना बदलना... जो अच्छा लगे वो उचित भी हो तुम्हारे लिए ये ज़रूरी नहीं, तुम्हारे ये स्वर हर दोराहे पर सुनाई देते हैं.... हिम्मत देते हैं यही स्वर... कहते हैं गिर जा फिर एक बार, क्योंकि तुझे फिर से है सँभलना।।

Paperwiff

by shubhanganisharma

05 Sep, 2020

जो अच्छा लगे वह ज़रूरी नहीं वह उचित भी हो।

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