प्रेमिका 🍁

A heart wrenching letter 🍁

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Shivani (Paakhi)
Shivani (Paakhi) 22 Feb, 2022 | 1 min read

मुझे नहीं पता मैं ऐसा क्या लिख दूँ जिसे पढ़ते ही तुम मेरे पास दौड़े चले आओ… तुम्हें याद आजाये हमारा प्रेम जो खो गया है तुम्हारी हट और क्रोध के बीच… यकीन मानो हर गुज़रते पल में मर रही है मेरे भीतर तुम्हारी प्रेमिका और एक दिन यूँ होगा की तुम आओगे लेकिन वो तुम्हें फिर मिलेगी नहीं…

तुमने मुझे खोना सरल समझा या खुद को ढूंढ़ना जरुरी मुझे नहीं पता… मगर मुझे खोके तुम्हारा या तुम्हें खोके मेरा स्वयं को खोज पाना उतना ही असंभव है जितना रेगिस्तान में फूलों का उग पाना… अफ़सोस पर जब ये बात तुम जानोगे हम दोनों सदा सदा के लिए अलग कर दिए जाएँगे नियति द्वारा…

अगर मेरा प्रेम तुम्हारी दी हुई पीड़ा, दोखे और अश्रुओं से कमतर होता तो मैं तुम्हें बददुआ दे देती की तुम मुझे कभी दोबारा ना पा सको…

लेकिन मैं चाहती हूँ तुम तय करके आओ अपनी मंजिल और पालो वो सब जिसके लिए तुम मुझे छोड़ गए ताकि तुम जान सको की सफल होना पूर्ण होना नहीं…

फिर किस्मत ने चाहा तो हम फिर मिलेंगे… दुआ करना मेरे अंदर तुम्हारी प्रेमिका तब तक दम ना तोड़ दे 🍁

Paakhi❣️


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Shivani (Paakhi)

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