बचपन का संदेशा

बाल दिवस विशेष......

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Shilpi Goel
Shilpi Goel 14 Nov, 2022 | 1 min read
short poem Childhood

बच्चों ने दिया यह संदेशा

बचपन जिंदा रखो हमेशा

मन में छोटी-छोटी ख्वाहिशें

फिर से तुम उठने दो

बचपन में लौट जाने की

इस मन को हठ करने दो

बड़े होने को तो पूरी उम्र पड़ी है

सबसे सुखद बचपन की घड़ी है

मन की बातों को पूरा करने की

एक कोशिश तो करो

उम्र भर जिससे मन में

कोई मलाल ना धरो

जिस ओर चाहो उस ओर घूम जाती

तरह-तरह के नाच नचाती

जीवन की यह डोर कुछ यूँ चल पड़ी है

कितने झमेले, कितने तूफ़ान

जाने कब समझेगा इंसान

इसमें डूबने को तो पूरी उम्र पड़ी है

आओ जी लें बचपन दोबारा

फिर ना मिलेगा यह जीवन दोबारा

✍शिल्पी गोयल(स्वरचित एवं मौलिक)

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