"अधूरे पल-पूरे पल"

हिंदी कविता

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Shilpi Goel
Shilpi Goel 02 Feb, 2021 | 1 min read
1000poems hindi poetry

कुछ अधूरे से पल,कुछ पूरे से पल

कुछ अधूरी जिन्दगानी

कुछ पूरी जिन्दगानी

आओ मिलकर लिखें, एक नई कहानी

तुम तुम ना रहो,

मैं मैं ना रहूँ

चारों तरफ हों बस हम ही हम

कुछ अधूरे से पल

कुछ पूरे से पल_ _ _ _


कुछ बातें अधूरी

आओ मिलकर करें पूरी

तुम कहती रहो,मैं सुनता रहूँ

मैं कुछ ना कहूँ,

बस बुनता रहूँ

प्यार के अनकहे-अनछुए से पल

कुछ अधूरे से पल

कुछ पूरे से पल_ _ _ _


तेरी रहमत है ये

तूने मुझको चुना

तूने कुछ ना कहा

मैंने सबकुछ सुना

तुझे मेरी फिक्र, मुझे तेरी फिक्र

मेरी हर बात में बस तेरा जिक्र

तेरा रहमो करम,

तूने बख़्शे मुझे ये खुशनुमा से पल

कुछ अधूरे से पल

कुछ पूरे से पल_ _ _ _


तेरी साँसों में साँस मेरी घुलती रहे

तेरी चाहत मुझमें बस बढ़ती रहे

तू चाहे तो कर दे

रोशन मेरा जहाँ

मैं धरती तेरी

तू मेरा आसमाँ

तुझको पाया मैंने,मेरे कर्मों के फल

कुछ अधूरे से पल

कुछ पूरे से पल_ _ _ _

- शिल्पी गोयल (स्वरचित एवं मौलिक)



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