जवान तुम भी हो इंसान

देश का जवान,देश की पहचान।

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Shilpi Goel
Shilpi Goel 11 Feb, 2021 | 1 min read
1000poems hindi poetry meri jaan hindustaan

ऐ मेरे वतन के रखवाले

कहते हैं सब तुम्हें जवान

क्यों भूल जाते हैं कि

तुम भी हो एक इंसान।


है तुम्हारा भी एक घर अपना

जिसके प्रति हैं फर्ज तमाम

क्यों भूल जाते हैं कि

तुम भी हो एक इंसान।


देते हैं हम सलामी तुमको

करते हैं वीरता का सम्मान

क्यों भूल जाते हैं कि

तुम भी हो एक इंसान।


कफन बना लेते तिरंगे को

बचाने को तिरंगे की शान

क्यों भूल जाते हैं कि

तुम भी हो एक इंसान।


दिन रात खेलते बारूदों से

गोलियों के आँगन में

ताकि मासूम रहें सुरक्षित

अपने माँ के आँचल में।


सीमा पर ही नहीं अपितु

हर कोने में करते रक्षा दान

क्यों भूल जाते हैं कि

तुम भी हो एक इंसान।


हर माँ चाहे बेटा तुम सा

बच्चों के आदर्श हो तुम

अपना सर्वस्व लुटाकर जो

करते न्यौछावर देश पर जान

क्यों भूल जाते हैं कि

तुम भी हो एक इंसान।


प्यार करना सीखें तुमसे

कैसे करतें देश को प्यार

निस्वार्थ की भावना तुमको

बना देती है इतना महान

क्यों भूल जाते हैं कि

तुम भी हो एक इंसान।

- शिल्पी गोयल (स्वरचित एवं मौलिक)


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