मुकम्मल

मुकम्मल तो बस एक शब्द है यहाँ। असल में सबकुछ अधूरा सा है यहाँ।।

Originally published in hi
Reactions 1
482
Shilpi Goel
Shilpi Goel 01 Jun, 2021 | 1 min read
Life emptiness completeness Reality

मुकम्मल यहाँ बस एक शब्द मात्र है

असल में मुकम्मल कुछ भी नहीं है

ना हमारी जिंदगी 

ना हमारी बंदगी 


सबकुछ तो किसी को मिलता नहीं 

रहने को अपना शहर नहीं 

कहने को अपनों का साथ नहीं 

हाथों में किसी का हाथ नहीं 

सबकुछ पराया सा है यहाँ


हम तो फिर भी इंसान हैं 

कर्म की ठोकर खाएंगे 

नसीब में जो लिखा हमारे

उसे भोग कर जाएंगे 


माँगने से मिल जाता सबकुछ अगर

भला कृष्ण बिना राधा रह जाती

पाकर साथ श्री राम का भी

क्या सीता माता वन में जीवन बिताती


होता नहीं आसान यहाँ कुछ भी हासिल करना

भोले की प्राप्ति हेतु आदिशक्ति को भी पड़ा तप करना

आसानी से सुलझ जाए ऐसी पहेली नहीं यह संसार

भोले को भी आदिशक्ति हेतु करना पड़ा लंबा इंतजार 


किस्मत पर ना जोर किसी का

यहाँ कोई नहीं सगा किसी का

जिन्दगी की बस सच्चाई यही है

मिल जाएं जो दुआएं तुमको यहाँ

जीवन की असली कमाई यही है


चंद्रमा को भी मुकम्मलता हासिल नहीं है

उसे भी अमावस्या पर ही पूर्णता प्राप्त है

बाकि सब तो बस एक छलावा मात्र है

मुकम्मल यहाँ बस एक शब्द मात्र है

✍शिल्पी गोयल (स्वरचित एवं मौलिक)



1 likes

Published By

Shilpi Goel

shilpi goel

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.