नाज़ है अपने तन पर।

तन का क्या है, इसको तो एक दिन मिट्टी हो जाना है। मन सुंदर होना चाहिए, जिसने दिलों पर छाप छोड़ जाना है।।

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Shilpi Goel
Shilpi Goel 19 Apr, 2021 | 1 min read
Say no to body shaming

क्या हुआ जो सांवली हूँ मैं

गोरा रंग पसंद नहीं मुझको,

ठीक उसी तरह जिस तरह

सादा दूध भाता नहीं मुझको।


मुझको पसंद है दूध में bournvita जिस तरह,

भाता है अपना सांवला होना ठीक उसी तरह।


क्या हुआ जो बत्तीस नम्बर जींस नहीं आती मुझको

मुझको नम्बरों में बयालीस बहुत पसंद है,

small साइज टॉप की दरकार नहीं मुझको

extra large का सिम्बल बहुत पसंद है।


नहीं पसंद मुझको ढीला-ढाला कुर्ता तन पर,

जैसे बांस को पहनाया कोई कपड़ा उचक कर।

रौब तो जमता है हमारा तब ना जमाने भर पर,

जब कसे हुए लिबास में खड़े हो पाओ तन कर।


मोटी कहे कोई तो कहता रहे मुझको

खाने से समझौता पसंद नहीं मुझको,

क्योंकि ज़ीरो साइज के चक्कर में

माँ के हाथ का बना स्वादिष्ट खाना

ठुकराना बिल्कुल पसंद नहीं मुझको।


ऐसे पैंतालीस किलो वजन का क्या फायदा

कोई एक धक्का दे तो गिरा दे मुझको,

भाता है मुझको सत्तर किलो वजन अपना

क्योंकि बेवजह गिरना पसंद नहीं मुझको।


क्या हो गया जो थोड़ी सी जगह extra लूँ बैठने को

सिमट कर बैठना पसंद नहीं मुझको,

हाँ, पैर अपनी चादर अनुसार फैलाती हूँ

क्योंकि, दूसरों के घरौंदों में दखल देना पसंद नहीं मुझको।


कभी कहते हैं लोग इतनी लम्बी हो तुम

जैसे हो बिजली का खंभा कोई,

खंभे का फायदा तो देखो यारों

छू ना पाया नंगी तारों को कोई।


क्या हुआ जो थोड़े से स्ट्रेच मार्क्स उभर आए तन पर

मातृत्व का सुख भी तो मैंने ही पाया है,

इस दोगले जमाने में कोई तो है ऐसा अपना

जिससे जुड़ा मेरा अपना ही साया है।


आँखों के नीचे काले घेरे खलते नहीं मुझको

इन्हें मैंने रातों को जाग-जागकर पाया है,

गा-गाकर लोरी रातों में सुलाया है जिसको

उसको भी तो मेरा यही रंग-रूप भाया है।

"बाल बिखरे हों चाहे कितने भी आपके, चाहे गोरा या काला रंग पाया है।

प्यारी हो माँ तुम सबसे ज्यादा, तुझसे ही तो मैंने अपने होने का एहसास पाया है।।"

- शिल्पी गोयल (स्वरचित एवं मौलिक)




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Shilpi Goel

shilpi goel

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Sonnu Lamba · 3 years ago last edited 3 years ago

    बेहतरीन

  • Shilpi Goel · 3 years ago last edited 3 years ago

    शुक्रिया सोनू दी।

  • Deepali sanotia · 3 years ago last edited 3 years ago

    Nice write up

  • Ruchika Rai · 3 years ago last edited 3 years ago

    वाह

  • Shilpi Goel · 3 years ago last edited 3 years ago

    शुक्रिया दीपाली जी और रुचिका जी।

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