अनेकता में एकता

विविधता और सुन्दरता का संगम

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Shilpi Goel
Shilpi Goel 31 Dec, 2020 | 1 min read
beauty is in diversity meri jaan hindustaan

#मेरी जान हिन्दोस्तान #विविधता में सुंदरता

"भारत कहो इसे या कहो इसे हिन्दोस्तान, अपने देश में बसती है हर एक देशवासी की जान।"

हमारे देश भारत में हर प्रांत अपनी अपनी विविधताओं के लिए लोकप्रिय हैं।

हर प्रांत की अपनी बोली है जैसे कहीं हरियाणवी तो कहीं तमिल बोली जाती है।

इसी प्रकार हर प्रांत का खान-पान,रहन-सहन,पहरावा सब विविध रूप धारण किए हुए है।कहीं पैंट-शर्ट तो कहीं कुर्ता-पायजामा, कहीं साड़ी तो कहीं घाघरा-चोली पहने जाते हैं।

हमारे देश में लोगों को खाने का भी बड़ा शौक है,किसी को मीठा पसन्द है तो किसी को तीखा,कहीं भात पसन्द किया जाता है तो कहीं इडली।

जैसे हरियाणा के लिए एक कथन बड़ा ही मशहूर है कि- "देशों में देश भारत,भारत में देख मेरा हरियाणा,जहाँ नित दूध-दही का खाना।"

ठीक इसी प्रकार हर प्रांत में भिन्न-भिन्न त्यौहारों को बड़े ही उल्लासपूर्ण तरीके से मनाया जाता है।

हर प्रांत के अपने-अपने लोकगीत हैं, अपनी-अपनी नृत्य की कला है।

हमारे देश में तो नदियों को भी भगवान मानकर उनकी पूजा की जाती है,कभी बनारस जाकर देखिए गंगा घाट की आरती की रौनक, वहाँ की शोभा ही निराली होती है।

हमारे देश के हर प्रांत का व्यक्ति एक दूसरे से विविध होते हुए भी अपने आप में खास होता है।

- शिल्पी गोयल(स्वरचित एंव मौलिक)

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