कन्या

इस मासूम को भी जीने का हक है।

Originally published in hi
Reactions 0
415
Shilpi Goel
Shilpi Goel 19 Feb, 2021 | 1 min read
short poem 1000poems hindi poetry

कभी पूजते हो इसको देवी की तरह

कभी इसको छप्पन भोग चढ़ाते हो

कभी डस लेते हो नजरों से अपनी

कभी राक्षस की तरह नोच खाते हो

कभी करवा देते हो गर्भ में ही हत्या

फिर इसको ही तुम परी भी बनाते हो

देते हो दुहाई पैरों पर खड़ा करने की

फिर खुद ही कदमों तले रौंदते जाते हो

क्यों महसूस नहीं होता दर्द इसका कभी

जिसके जज्बातों से रोज खेलते जाते हो

कभी तो इंसान समझो इस मासूम को भी

क्यों कन्या को एक खिलौना बनाते हो।

- शिल्पी गोयल (स्वरचित एवं मौलिक)

0 likes

Published By

Shilpi Goel

shilpi goel

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Charu Chauhan · 3 years ago last edited 3 years ago

    मार्मिक

  • Shilpi Goel · 3 years ago last edited 3 years ago

    शुक्रिया।

Please Login or Create a free account to comment.