काश........

काश यह हो जाता, काश वह हो पाता, इस काश में ही जिंदगी क्यों अटक कर है रह जाती,,

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Shilpi Goel
Shilpi Goel 13 Feb, 2022 | 1 min read
Memories love

बनकर बूंदें ओस की तेरी पलकों पर,

कुछ देर ही सही..........मैं ठहर पाती।

सूर्य की लालिमा बन........

तेरे चेहरे को मैं दमका पाती।

एक बार ही सही,, 

काश वो लम्हा मैं जी पाती।।


हो जाती फिर सुहानी,

इस जीवन की हर शाम। 

गर तू कहता तो जोड़ देती,

तेरे नाम संग मैं अपना नाम।

तेरे संग होने से रोज ही.......

जीवन की एक नयी कहानी रची जाती।

एक बार ही सही,,

काश वो लम्हा मैं जी पाती।।


होती एक-दूजे से ही बस हमारी पहचान,

समा जाती तुझमें बनकर मैं तेरी जान।

होती संग-संग ही पूर्ण फिर,

अपने जीवन की हर शाम।

गर तू कहता तो जोड़ देती,

तेरे नाम संग अपना नाम।

तू ही मेरे इस जीवन की 

अनमोल निशानी कहलाती।

एक बार ही सही,,

काश लो लम्हा मैं जी पाती।।


जबसे तुमसे दूर हुई,

कुछ यूँ मैं तो गुमसुम हुई।

यूँ कब तक जुदाई की तड़प सहन कर पाती,

यादों के सायों को कैसे धुँधला मैं पड़ने दे पाती।

हर लम्हा, हर पल, बस तुमको ही सिमरती,

विरह की अग्नि में यूँ कब तक जलती जाती।

एक बार ही सही,,

काश लो लम्हा मैं जी पाती।।

✍शिल्पी गोयल(स्वरचित एवं मौलिक)

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