हक की लड़ाई

अपने हक के लिए लड़ने से ज्यादा जरूरी और क्या हो सकता है, कोई बता सकता है?

Originally published in hi
Reactions 1
576
Shilpi Goel
Shilpi Goel 06 Feb, 2021 | 1 min read

किसान आंदोलन पूरे जोर शोर से चल रहा है।कुछ लोग कह रहे हैं यह असली किसान नहीं हैं, कुछ कह रहे हैं किसान राजनीति का हिस्सा बन चुके हैं।

मीडिया हो, सरकार हो या राजनेता, सब लोग किसान आंदोलन के नाम पर अपने -अपने हाथ सेंकने में लगे हैं।

उम्मीद है किसान आंदोलन के चलते बिल वापिस ले लिया जाएगा लेकिन क्या बिल वापिस ले लेना किसानों की समस्या का स्थाई हल है? यह प्रश्न हम सबके लिए है।क्योंकि इस आंदोलन के खत्म हो जाने पर कुछ समय बाद हम लोग सबकुछ भूल जाएंगे।

कौन सा विभाग किस कार्य के लिए कितनी रिश्वत लेता है, हमें इसकी तनिक भी जानकारी नहीं होगी।किसानों को उसकी फसल के लिए सही कीमत मिल रही है या नहीं, कितना रसायन या कीटनाशक किसान इस्तेमाल करेगा फसलों की अच्छी उपज के लिए, हमारा इससे क्या सरोकार होता है कोई बता सकता है?

हम तो बस कटाक्ष लगाने लगते हैं कि आजकल फल-सब्जियों की क्वालिटी अच्छी नहीं आती। ऐसा किस वजह से होता है यह जानने की कोशिश कोई नहीं करता। बड़े-बड़े बिल्डर्स किसानों की ज़मीन पर अपने माॅल या फैक्ट्रियां डालने के लिए तैयार बैठे रहते हैं। कुछ लोग अपना-अपना ग्रुप बनाकर बस भाषण-बाजी करते रहते हैं। क्या यही सब फर्ज है हमारा किसानों की तरफ? यह सवाल अपने अन्तर्मन से पूछ कर देखें एक बार,खुद पर ही शर्मिंदगी महसूस होने लगेगी शायद।

किसान को अपनी फसल का सही दाम मिल रहा है या नहीं या वो बस औने-पौने दामों पर अपनी फसल बिचौलिए को बेच रहा है और वही बिचौलिया किसान से कम दाम पर खरीद कर आगे महँगे दामों पर बेच देते हैं और हम बड़े आराम से 10 रूपये किलो का मटर 100 रूपये किलो में खरीद कर खुश रहते हैं।

किसानों को बचाने के लिए हमें अपनी बुध्दि और विवेक का इस्तेमाल करना होगा ताकि किसानों पर होने वाले अत्याचार को बंद करवा सकें। हमें लड़ना चाहिए किसानों के हक के लिए और आंदोलन करना चाहिए जिससे-

•किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिल सके और किसान किसी गलत क्रय-विक्रय के चक्कर में ना पड़ें।

•किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की सही जानकारी मुहैया कराई जाए।

•किसानों को आत्महत्या करने के लिए और खेती छोड़ने के लिए मजबूर ना होना पड़े।

•कंपकंपाती ठंड में सड़कों पर रहकर अपने हक के लिए लड़ने को मजबूर ना होना पड़े।

•किसानों को उनके हिस्से का मुनाफा मिले जिससे वो लोग भी एक खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकें।

•खेती करने के नये-नये तरीके इजात कर उनकी ज्यादा से ज्यादा जानकारी किसानों तक पहुँचाई जाए।

•खेती को एक परिपूर्ण व्यवसाय का दर्जा दिया जाए जिससे आने वाले समय में लाखों लोग खेती से जुड़ सकें।

अगर आप यह सब समझ सकते हैं और हमारी सरकार को समझा सकते हैं तो शायद ज्यादा ना सही कुछ तो अपने देश के किसानों के काम आ ही सकते हैं।

- शिल्पी गोयल (स्वरचित एवं मौलिक)






1 likes

Published By

Shilpi Goel

shilpi goel

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Sonia Madaan · 3 years ago last edited 3 years ago

    ,👏👏👏

Please Login or Create a free account to comment.