किससे कहूँ।

एक कविता मन के एहसास किससे बयां करे।

Originally published in hi
Reactions 0
443
Shilpi Goel
Shilpi Goel 20 Jan, 2021 | 1 min read


कहने हैं कुछ किस्से

किससे कहूँ।

मन के अधूरे हिस्से

किससे कहूँ।

वो प्यार भरी तकरार

किससे कहूँ।

वो लम्बी रातों का इंतजार

किससे कहूँ।

तेरा पास होकर भी पास ना होना

किससे कहूँ।

तेरी यादों में गुज़रा जो ज़माना

किससे कहूँ।

हर कदम पर तेरे साथ होने की आहट

किससे कहूँ।

तेरे ख्यालों से उघड़ी वो मुस्कुराहट

किससे कहूँ।

कहूँ या ना कहूँ,

या

बस यूँ ही चुप रहूँ।

-शिल्पी गोयल (स्वरचित एवं मौलिक)

0 likes

Published By

Shilpi Goel

shilpi goel

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Sonia Madaan · 3 years ago last edited 3 years ago

    Nice one 👏

Please Login or Create a free account to comment.