रेत सी फिसलती जिंदगी

Motivational poetry

Originally published in hi
Reactions 0
469
Seema sharma Srijita
Seema sharma Srijita 12 Feb, 2021 | 1 min read
1000poems #life #


अनगिनत ख्याव आंखों में सजे बैठे हैं

पूरे करूं उनको सपने मुझसे ये कहते हैं

मगर जिंदगी है कि चलती जा रही है

रेत की तरह फिसलती जा रही है |

लब हरपल मुस्कराना चाहते हैं

दिल की बात अपने बताना चाहते हैं

खामोश निगाहें कुछ छिपा रही हैं

रेत सी जिंदगी फिसलती जा रही है |

धीरे -धीरे मैं भी शिव हो रही हूं

कतरा कतरा जहर पी रही हूँ

रिश्तों की डोर यूं संवर जा रही है

रेत सी जिंदगी फिसलती जा रही है |

अल्हड़पन, नादानियां बात हुई पुरानी

छूटी कहीं वो दादी नानी की कहानी

उम्र से पहले ही समझदार बना रही है

रेत सी जिंदगी फिसलती जा रही है |

याद आते हैं अक्सर दोस्ती के अफसाने

मुस्कराहट और खिलखिलाने के जमाने

उन लम्हों के लिए अब तरसा रही है

रेत सी जिंदगी फिसलती जा रही है |

करना है तो कुछ अच्छे कर्म कर ले

ऐ इंसान सबका दर्द तु समझ ले

कुदरत भी अब तो कहर ढा रही है

रेत सी जिंदगी फिसलती जा रही है |

0 likes

Published By

Seema sharma Srijita

seemasharmapathak

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.