हाथों की लकीरों का क्या...

Motivational poetry

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Seema sharma Srijita
Seema sharma Srijita 03 Feb, 2021 | 1 min read
1000poems #life #

खुद पर कर ले विश्वास 

थोडी़ सी मन में आस

उम्मीदों की बना पतवार 

कठिन डगर कर ले पार 

मत होना कभी भी निराश 

किस्मत पर अपनी हताश 

हाथों की लकीरों का क्या 

इक दिन ये बदल सकती हैं 

तेरी मेहनत का रंग देख 

तेरे रंग में ढल सकती हैं |


मंजिल पर चलता चल 

हल होगी हर मुश्किल 

पत्थर में डगर बना 

स्वप्नों का घर सजा 

ये जमीं भी तेरी है 

तेरा ही है आसमां 

हाथों की लकीरों का क्या

इक दिन ये बदल सकती हैं 

तेरे हौंसले देखकर 

तेरे रंग में ढल सकती हैं |

    सीमा शर्मा "सृजिता "




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Seema sharma Srijita

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