बुरी मां

अपनी बेटी के लिए एक मां के मन के भाव

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Seema sharma Srijita
Seema sharma Srijita 12 Feb, 2021 | 1 min read
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बडे़ हैं वो जबाब मत देना 

पति है वो जो कहे कर देना 

ससुराल ही अब तुम्हारी दुनिया 

उनमें बसी अब तुम्हारी खुशियां

आंसु अगर आये तो पी जाना 

कोई कुछ भी कहे चुप जी जाना 

घर की बात घर में रखना 

इज्जत की ख़ातिर हमेशा झुकना 

तुम संस्कारी बहु बनकर दिखाना 

मन की बात न किसी को बताना 

पति का अधिकार है तुम पर

मारा तो क्या है प्यार भी तुम पर

तुम दो कुलों की लाज रखना 

चेहरे पर बस मुस्कान रखना 

तुम नारी हो झुकना होगा 

कह दो ख्याबों को रूकना होगा |


नहीं सिखाया मैंने ये सब 

अपने जिगर के टुकड़े को 

नहीं देनी उदासी की सौगात 

बिटिया के प्यारे मुखड़े को 

मैंने सिखाया सर्वोपरि आत्समम्मान 

न करेगी समझौता वो मेरी नन्ही जान 

वो चुनेगी अपने लिए खुला आसमान 

भरेगी सपनों की स्वछंद उडा़न 

बिन बात में कभी न झुकना 

बेइज्जती हो जहां ,गालियां मिले 

उस जगह तु कभी न रूकना 

मन ही मन तु कभी न घुटना 

हारना नहीं और कभी न टूटना 

लक्ष्मी है तु ये समझ लेना 

अपने अधिकार छीन लेना  

कोई नहीं होता जहां में भगवान 

तेरी ही तरह सब है इन्सान 

खूब हंसना खुलकर मुस्कराना, 

मगर किसी का दिल न दुखाना 

देना सम्मान और बदले में पाना 

सपने पूरा करने का जज्बा दिखाना 


तु जिम्मेदारी हमारी ये घर तेरा है 

जब चाहें आ फैसला ये मेरा है 

नहीं करना किसी के लिए 

तु खुद को कुर्बान 

बडे़ नाजों से पाला हमने 

तु है हमारी जान 

मैंने जो सीखा न तुझे सिखाऊंगी 

ज्यादा से ज्यादा बुरी मां कहलाऊंगी |






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Seema sharma Srijita

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