गुलाब

Love poetry

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Seema sharma Srijita
Seema sharma Srijita 07 Feb, 2021 | 1 min read
Roseday 1000poems Love




आज भी रखा है मैंने

तुम्हारा दिया वो पहला गुलाब

जिससे जुड़े हैं अनगिनत भाव

डायरी के पन्नों के बीच

आज भी रखा है संभाले

सूख गई है पंखुड़िया

लेकिन महक रही है सुगन्ध

उस गुलाब में तुम्हारे प्यार की

उस पहले एहसास की ....

आज भी कभी खोलती हूं

डायरी के वो चन्द पन्ने

तो मुस्करा जाती हूँ और

याद आती है तुमसे

जुडी़ वो हर बात

वो पहली मुलाकात

वो प्यारा अहसास

मुझे तलाशती वो निगाहें

मुझे देखकर आई चेहरे पर

वो प्यारी सी मुस्कान

और तुम.....

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Seema sharma Srijita

seemasharmapathak

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