चांद भी आज हुआ बैरी

एक प्रेमिका की मन की बातें

Originally published in hi
Reactions 0
339
Seema sharma Srijita
Seema sharma Srijita 06 Dec, 2020 | 1 min read

खिड़की पर बैठी रही ताकती विरहन

वो दीवानी सी 

प्रेम अगन में रही तरसती 

जोगन वो मस्तानी सी 


चांदनी रात में चांद के सामने 

कितनी कसमें कितने वादे 

हाथ थामकर किये पिया ने 

चैन न आये सोच जिया में 


इन्तजार में आज भी बैठी 

आयेगा वो हरजाई 

वो तो भूल गया है उसको 

प्रीत भी उसकी बिसराई 


रोज रात को घंटों बैठकर 

यादों में वो खो जाती 

पिया मिलन की आस लिये 

मन ही मन वो मुस्काती 


दर्द हुआ है आज बहुत ही 

आंख आज है अश्रु भरी 

पिया के जैसे चांद न आया 

चांद भी आज हुआ बैरी।





0 likes

Published By

Seema sharma Srijita

seemasharmapathak

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.